उत्तराखंड में भी टिड्डियों के हमले को लेकर दिशा निर्देश जारी

उ त्तराखंड में भी टिड्डियों के हमले की आशंका के मद्देनजर आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए गए है। देश के कई राज्यों में खेतों में खड़ी फसलें बर्बाद करने के बाद टिड्डी कीटों का दल अब उत्तराखंड में भी किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचा सकता है।कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने संबंध में दिशा निर्देश देते हुए किसानों को सतर्कता बरतने की सलाह दी है । उन्होंने कहा कि टिड्डियों के हमले से फसलों को बचने के लिए दवाइयों का छिड़काव व पारम्परिक उपायों पर अमल करना चाहिए । टिड्डियों को भगाने के लिए टिन के डब्बे बजाने ,थाली पीटने व धुआं करना भी कारगर हो सकता है।
टिड्डियों का मूल उद्गम स्थल ईरान है, जहाँ से विभिन्न देशों में फसलों को चट करते हुए यह टिड्डियों का दल पाकिस्तान से भारत मे प्रविष्ट हुआ है ।पाकिस्तान में भी इन टिड्डियों ने कई हेक्टेयर में फैले कपास के खेतों को भारी नुकसान पहुँचाया । टिड्डी कीट एक दिन में 150 किलोमीटर की दूरी तय करते है। यह लाखों की संख्या में झुंड के रूप में चलते हैं , इसकी प्रजनन क्षमता ऐसी होती है कि कम समय मे ही ये अपनी संख्या बढ़ा लेते है। दिन भर यात्रा कर फसलों को कहते हुए ये शाम होते ही जमीन पर ,घास ,हरी पत्तियों के बीच बैठ जाते हैं और अगली सुबह फिर यात्रा पर निकल पड़ते है। पिछले 26 सालों में भारत पर ये टिड्डी दल का बड़ा हमला है।
नवीन भंडारी