जूते साफ करनेवाले का बेटा जूता साफ करता है तो आपको परिवारवाद नजर नहीं आता

झारखंड में तीन बार मुख्यमंत्री रहे शिबू सोरेन के पुत्र हेमंत सोरेन से मीडिया ने परिवारवाद पर सवाल किया तो कहा – इस तरह के सवाल तकलीफ देते हैं । शेर का बच्चा शेर नहीं तो क्या कुत्ता होगा । इस तरह के सवाल बेहद हास्यापद हैं।उन्होंने कहा कि जूते साफ करने वाले का बेटा जूता साफ करता है तो आपको परिवारवाद नजर नहीं आता है लेकिन जब एक आदिवासी राजनीतिक परिवार सत्ता के करीब जाता है तो आपको परिवार वाद नजर आता है।
झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेतृत्व में बने झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन नेे प्रदेश की भाजपा सरकार की सत्ता पर विराम लगाते हुए अपनी सरकार पर मुहर लगा दी । हेमन सोरेन की झामुमो ने न सिर्फ भाजपा को सत्ता से बेदखल किया बल्कि राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बनकर भी उभरी । भाजपा को सिर्फ 25 सीटें मिली और झामुमो 30 सीटों पर विजयी रहा ।झामुमो गठबंधन ने 81 सीटों वाले झारखण्ड विधानसभा में कुल 47 सीटें जीती । हेमंत सोरेन ने 38 साल की उम्र में पहली बार 13 जुलाई, 2013 को झारखंड के मुख्यमंत्री का पद संभाला था. वह इस पद पर 23 दिसंबर, 2014 तक बने रहे और कार्यवाहक मुख्यमंत्री के तौर पर वह 28 दिसंबर, 2014 तक पद पर बने रहे। गौरतलब है कि झारखंड के मुख्यमंत्री बनने जा रहे हेमंत सोरेन ने 5 साल पहले 23 दिसंबर के ही दिन झारखंड विधानसभा का चुनाव हारने के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
न्यूज मंडी, सेंट्रल डेस्क:-
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