यूक्रेन में मारे गए छात्र के पिता ने देश के हायर एजुकेशन सिस्टम पर सवाल उठाए ,कहा – पीयूसी में 97 प्रतिशत लेन के बाद भी नहीं मिला मेडिकल में दाखिला

क र्नाटक के रहने वाले 21 वर्षीय छात्र नवीन शेखरप्पा यूक्रेन रूस के बीच जारी जंग में उस वक्त रूसी हमले की चपेट में आ गए,जब वे कुछ सामान लेने एक दुकान पर गए थे ।यूक्रेन में रूसी हमले में मारे गए भारतीय छात्र नवीन शेखरप्पा के पिता ज्ञान गौड़ा बेटे की मौत से बुरी तरह टूट चुके हैं. नवीन के पिता अब सरकार ये ये उम्मीद लगाए बैठे हैं कि किसी तरह वो नवीन के पार्थिव शरीर को देश ले आए। प्रधानमंत्री ने आश्वाशन भी दिया है. हादसे से एक रात पहले नवीन ने घर फोन किया था , उसने चिंतित घर वालो को ढांढस बंधाया था कि वो ठीक है. खा पी रहा है. उसने ये भी बताया था कि समान अभी मिल रहा है पर दुसरे ही दिन मौत की खबर आ गई।
मंगलवार 1 मार्च को यूक्रेन में मारे गए छात्र नवीन शेखरप्पा के पिता ज्ञानगौदर ने देश के हायर एजुकेशन सिस्टम पर सवाल खड़े करटे हुए कहा कि उनका बेटा पढ़ाई करने के लिए बाहर इसलिए गया था क्योंकि भारत में मेडिकल सीट पाने के लिए करोड़ों रुपये देने पड़ते हैं। यहां ‘डोनेशन की स्थिति बहुत ही खराब है, मैं सभी नेताओं से और अधिकारियों से इस मामले को देखने के लिए विनती करता हूं।मेरे बेटे के पीयूसी में 97 फीसदी नंबर थे, बावजूद इसके वह राज्य में मेडिकल सीट हासिल नहीं कर सका।
Despite scoring 97% in PUC, my son could not secure a medical seat in State. To get a medical seat one has to give crores of rupees&students are getting same education abroad spending less money, says father of Naveen Shekharappa, an Indian student who died in shelling in Ukraine pic.twitter.com/wXqArRW9eq
— ANI (@ANI) March 1, 2022
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने नवीन के पिता से बात करने के बाद एक ट्वीट करते हुए लिखा कि यूक्रेन में गोलाबारी में कर्नाटक के छात्र नवीन ज्ञानगौदर की मौत पर स्तब्ध हूं. परिवार के प्रति मेरी गहरी संवेदना. भगवान उनकी आत्मा को शांति दे. हम लगातार विदेश मंत्रालय के संपर्क में हैं और उनके पार्थिव शरीर को वापस लाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवीन के पिता से फोन पर बात कर अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं और उन्हें ढांढस बंधाया।
नवीन का परिवार गहरे सदमे में है। कर्नाटक के हावेरी जिले के मेडिकल छात्र नवीन के पास खाने-पीने का सामान खत्म हो चुका था और वह कुछ खरीदने के लिए बाहर निकले थे। अचानक खारकीव के फ्रीडम स्कवॉयर पर वह एक रूसी रॉकेट हमले का शिकार हो गए।