योग से हृदय रोग दूर भगाएँ

योग से हमारे जीवन का शारीरिक, मानसिक ,प्राणिक एवं आध्यात्मिक विकास होता है । प्राचीन काल में ऋषि मुनियों ने योग को एक विद्या के रूप में आत्मसात करते हुए योग पर कई ग्रंथ और शास्त्र लिख डाले हैं । बिहार योग विद्यालय, मुंगेर के आचार्य स्वामी निरंजनानंद सरस्वती कहते हैं- योग हमे भावनात्मक ,संवेदनशील , व्यवहारिक और अनुशासित होने की शिक्षा देता है जब कि आधुनिक शिक्षा प्रणाली सिर्फ हमारा बौद्धिक विकास करता है।
न्यूज मंडी , सेंट्रल डेस्क :-
आज की जीवनशैली में , तनाव ,चिंता ,खराब खान पान , धूम्रपान आदि के परिणामस्वरूप तरह तरह की बीमारियों से मानव ग्रस्त हो रहा है । शुगर , रक्तचाप के साथ हृदय रोग भी तेजी पांव पसार रहा है । योग द्वारा हृदय रोग के खतरे को टाला जा सकता है , योगसे शरीर लचीला बनता है ,मांसपेशियाँ मजबूत होती है, तनाव से मुक्ति मिलती है ।योग में सम्पूर्ण शरीर स्वस्थ रखने के आसन विद्यमान हैं
बढ़ते हृदय रोग की समस्या के कारण इस वर्ष ‘विश्व योग दिवस ‘ का थीम ‘ योगा फ़ॉर हार्ट केयर’ रखा गया है । आइये जानते है हार्ट अटैक की स्थिति में कौन सा आसन उपयोगी है :
अपानवायु मुद्रा
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तर्जनी को अंगूठे की जड़ से मिलाएं
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अंगूठे ,मध्यमा ,अनामिका के ऊपरी छोर को मिलाएं
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कनिष्ठा बिल्कुल सीधी रखें
15 – 15 मिनट 3 बार करें
यदि किसी को अचानक सीने में दर्द हो जाए और दिल का दौरा पड़ने की आशंका प्रतीत हो तो अपान वायु मुद्रा आपको इस स्थिति से उबारने में काफी कारगर साबित होगी । इस मुद्रा को नियमत रूप से करने से हार्ट अटैक की संभावना नगण्य हो जाती है ।यह मुद्रा करते ही 2 से 3 सेकेंड के भीतर ही हृदय में ऑक्सीज़न की मात्रा सामान्य हो जाती है । रोगी को अस्पताल ले जाने के क्रम में इस मुद्रा को करते रहने से हृदय को नुकसान नही होता है , इसलिए इस मुद्रा को मृत संजीवनी या हृदय मुद्रा भी कहते है।