वैज्ञानिकों ने कहा -हवा में मौजूद एक छोटा कण भी कर सकता है संक्रमित, कोरोना वायरस हवा से भी फैलता है .

नई दिल्ली
कोविड-19 वायरस का कहर लगातार पूरी दुनिया मे बढ़ता जा रहा है। दुनिया भर में कोरोना की वजह से एक करोड़ 15 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हैं। जबकि पांच लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी ने अभी तक खांसने और छींकने को ही कोरोना वायरस फैलने का मुख्य कारण बताया है, लेकिन कोरोना वायरस के संबंध में एक बड़ा दावा करते हुए 32 देशों के 200 से अधिक वैज्ञानिकों ने विश्व स्वास्थ्य संगठन से कहा कि वायरस के वायुजनित होने के सबूत मौजूद हैं। एक छोटा कण भी लोगों को संक्रमित कर सकता है।डब्ल्यूएचओ के दाावों से इतर वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि कोरोना वायरस हवा से भी फैलता है। वैज्ञानिकों ने कहा कि कोरोना वायरस के छोटे-छोटे कण हवा में भी जिंदा रहते हैं और वे भी लोगों को संक्रमित कर सकते हैं।32 देशों के इन 239 वैज्ञानिकों ने विश्व स्वास्थ्य संगठन को एक खुला पत्र लिखा है जिसमे कहा है कि इस बात के पर्याप्त सबूत है।वहीं, डब्ल्यूएचओ में कोरोना टेक्निकल टीम के हेड डॉ बेनेडेटा अलेगरैंजी ने न्यूयॉर्क टाइम्स को बताया कि ‘हमने यह कई बार कहा है कि यह वायरस एयरबोर्न भी हो सकता है लेकिन अभी तक ऐसा दावा करने के लिए कोई ठोस और साफ सबूत नहीं मिले हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स’ की एक रिपोर्ट के अनुसार लोगों के बार, रेस्तरां, कार्यालयों, बाजार और कसिनो जाने से विश्व स्तर पर कोरोना वायरस के मामले बढ़ रहे हैं, और इसमें इस प्रवृत्ति की लगातार पुष्टि हुई है कि वायरस बंद जगहों पर ठहर जाता है और आस-पास के लोगों को संक्रमित करता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन लगातार इस बात पर जार देता रहा है कि कोरोनावायरस संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने से ही फैलता है, लेकिन 29 जून को एक अद्यतन रिपोर्ट में उसने कहा था कि वायरस वायुजनित तभी हो सकता है, जब चिकित्सकीय प्रक्रिया के बाद ‘ऐरोसॉल’ या ‘ड्रोपलेट’ पांच माइक्रोन से छोटे हैं। स्वास्थ्य एजेंसी ने खांसने और छींकने से संक्रमण फैलने के दावे को आधार बनाते हुए मास्क पहनने, सामाजिक दूरी बनाने और हाथ धोते रहने जैसे सुझाव दिए हैं।
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