समान काम, समान वेतन’ पर आज आयेगा सुप्रीम कोर्ट का फैसला

सूबे के प्रारंभिक से लेकर माध्यमिक/उच्च माध्यमिक विद्यालयों में नियोजित साढ़े तीन लाख से अधिक शिक्षकों के भाग्य का फैसला शुक्रवार को निर्धारित है। शिक्षकों एवं उनके आश्रितों के लिए सुप्रीम कोर्ट का यह ‘‘सुप्रीम’ फैसला साबित होगा। सुप्रीम कोर्ट ने 3 अक्टूबर 2018 को इस मामले में अंतिम सुनवाई करते हुए फैसले को सुरक्षित रख लिया था। उसी समय से इस फैसले के इंतजार में हैं नियोजित शिक्षक एवं उनके परिवार। इस बाबत माध्यमिक शिक्षक संघ के मीडिया प्रभारी सह प्रवक्ता अभिषेक कुमार,परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश महासचिव आनंद कुमार मिश्रा, सचिव जयकांत धीरज ने बताया कि शुक्रवार को कोर्ट नंबर-6 में जस्टिस अभय मनोहर सप्रे और जस्टिस उदय उमेश ललित ‘‘समान काम समान वेतन’ मामले में फैसला सुनाएंगे। यह ऐतिहासिक फैसला होगा। शिक्षक संघ के नेता शिक्षकों के पक्ष में फैसला आने के प्रति पूरी तरह आास्त हैं। विदित हो कि 31 अक्टूबर 2017 को पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस राजेन्द्र मेनन और जस्टिस अनिल कुमार उपाध्याय द्वारा शिक्षकों के पक्ष में फैसला सुनाते हुए राज्य सरकार को समान काम के बदले समान वेतन देने का आदेश जारी किया गया था। इसके साथ ही पटना हाईकोर्ट ने दिसंबर 2009 से एरियर का भी भुगतान करने का आदेश राज्य सरकार को दिया था। इसके बाद राज्य सरकार ने पटना हाईकोर्ट के फैसले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में 14 दिसंबर 2017 को एसएलपी दायर किया। इस याचिका में सुप्रीम कोर्ट में विभिन्न तिथियों को 24 सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने अंतिम सुनवाई 3 अक्टूबर 2018 को करते हुए फैसले को सुरक्षित रख लिया था। बृहस्पतिवार को यह खबर मिलते ही शिक्षक संघों, शिक्षकों और शिक्षा अधिकारियों में हड़कंप मच गया है। कई शिक्षक नेता और शिक्षा अधिकारी नई दिल्ली के लिए प्रस्थान कर गए हैं।